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नए POST की SEO Settings कैसे करें

दोस्तों, आज ब्लॉगिंग में competition बढ़ गया है. आप कितना भी अच्छा content लिख लीजिए लेकिन अगर आपने प्रॉपर SEO नहीं किया है तो आपके ब्लॉग को गूगल में rank करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

और ऐसा भी नहीं है कि केवल SEO कर लेने से आपका blog rank होने लगेगा. आपको हर parameters  में अपने कंपटीशन से better करना होगा तभी जाकर आपके blog rank करेंगे और उन्हें अच्छा ट्रैफिक मिलेगा.

New Post SEO Settings:

इस blog में हम देखेंगे कि जब किसी blog को पब्लिश किया जाता है तो कौन-कौन सी Primary SEO की सेटिंग की जाती है.

इसे हम दो part में देखेंगे.

Part 1: Title, Slug (URL), Headings, Linking  (Internal & External)

(1) Title

Blog लिखते समय आपको blog का Title डिफाइन करना होता है जिससे कि गूगल और यूजर दोनों को यह पता चल जाए क्यों ब्लॉक में आपने क्या लिखा है.

(2) Slug (URL)

जब कोई blog पब्लिश किया जाता है तो उसे एक यूआरएल दिया जाता है. वह URL उस blog का एड्रेस होता है. आपका ब्लॉग उसी URL पर host कर दिया जाता है. जब कोई उसी वालों को सर्च करेगा तो आपका ब्लॉक दिखाई देगा. इस URL को सर्च इंजन फ्रेंडली, यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए Keywords डाले जाते हैं और गूगल की guidelines follow की जाती हैं.

(3) Headings

Blog में headings दी जाती हैं, इसका उद्देश्य ब्लॉक को एक ऑर्गेनाइज फॉर्म में प्रजेंट करना होता है, जिससे कि यह सर्च इंजन को और यूजर को स्ट्रक्चर फॉर्मेट में दिखाई दे और उन्हें समझने में आसानी हो. अब इसके कई तरीके बने हुए हैं जिससे यूजर एक्सपीरियंस और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन किया जाता है वह हम किसी और blog में देखेंगे.

(4) Linking (Internal and External)

Blog लिखते समय कई बार हमें रेफरेंस देने होते हैं जिससे कि blog पढ़ने वाले यूजर को आसानी से समझ में आ पाए कि जो बातें आप कह रहे हैं उसका रिफरेंस आपने कहां से लिया है.

    • अगर आपने वह रेफरेंस किसी दूसरी वेबसाइट से लिया है और आप अपने पोस्ट में वेबसाइट का लिंक डालेंगे तो उसे external linking कहा जाता है.
    • अगर आपने रेफरेंस अपनी वेबसाइट के किसी दूसरे पोस्ट से लिया है और आप उस पोस्ट का लिंक इस पोस्ट में डालेंगे तो उसे internal linking कहा जाता है.

Linking करने कि कुछ बेस्ट प्रैक्टिसेज SEO मैं डिफाइन की गई है जिससे सर्च इंजन आपको वेबसाइट को अप्रिशिएट करता है और यह यूजर एक्सपीरियंस भी अच्छा बनाती हैं. उसके लिए आप इसी वेबसाइट के SEO section को बाद में चेक कर सकते हैं.

Part 2: Multimedia, Category & Tags, SERP Settings (Yoast SEO Plugin)

किसी भी पोस्ट में मल्टीमीडिया का उपयोग यूजर एक्सपीरियंस अच्छा बनाता है, और यही चाहिए सर्च इंजन को भी पसंद आती है. उसके लिए आप अपने blog में photos, videos, social media hook, इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं.

Blog post को publish करते समय category और tags डिफाइन करना एक अच्छी प्रैक्टिस है. इससे ब्लॉक का यूजर एक्सपीरियंस अच्छा बनता है और गूगल को भी कैटेगरी समझकर आपके पोस्ट को अपने डेटाबेस में सही जगह इंडेक्स कराने में मदद मिलती है.

इतना सब कुछ कर लेने के बाद अब आपको किसी प्लगइन की मदद लेनी होगी जिससे आप अपने पोस्ट के सोर्स कोड (Sourse code) में जरूरी जानकारी डाल पाए और गूगल उसे आसानी से समझ कर आपके पोस्ट को ranking दे. वैसे तो कई SEO plugins फ्री में मिल जाते हैं लेकिन उनका success rate अच्छा नहीं होता. फ्री प्लगिंस कुछ फीचर्स फ्री में देते हैं और कुछ के लिए आपको उनकी paid सर्विस लेनी होती है. इस ब्लॉग में हम Free YOAST SEO Plugin का प्रयोग करेंगे.

Part 3: Free YOAST SEO Plugin Settings:

(1) Focus Keyphrase

Focus Keyphrase सेक्शन में वह कीवर्ड डाला जाता है जिसकी वर्ड पर आप अपने पोस्ट को गूगल जैसे सर्च इंजन में रैंक कराना चाहते हैं.

(2) Google Preview (SEO Title, SEO Description, SEO Slug)

Google Preview आपको वह दिखाता है जैसा गूगल सर्च इंजन में आपका ब्लॉग टाइटल और डिस्क्रिप्शन के साथ दिखाई देगा. लेकिन हमेशा ऐसा ही दिखे इसकी कोई बाध्यता नहीं है, क्योंकि गूगल खुद से डिसाइड करता है कि उसे पर्टिकुलर search query के रिजल्ट के रूप में ब्लॉक की हेडिंग या डिस्क्रिप्शन क्या दिखाना है.

फिर भी इस सेक्शन में टाइटल, डिस्क्रिप्शन, और URL डिफाइन करके हम गूगल को एक मैसेज देते हैं कि हम अपने ब्लॉग पोस्ट को पर्टिकुलर keyword search query के अगेंस्ट Google SERP पर कैसे दिखाना चाहते हैं.

(3) Cornerstone Content Setting

Cornerstone settings उन content के लिए होती है जिसे आप अपनी वेबसाइट का बेस्ट रिप्रेजेंटेटिव वर्जन समझते हैं, अर्थात जो आपकी वेबसाइट को बेस्ट तरीके से रिप्रेजेंट करता हो.

(4) Advanced Settings

Advanced settings ऑप्शन से आप अपनी वेबसाइट को गूगल जैसे सर्च इंजन में डिक्स कराना चाहते हैं या नहीं, no-follow, do-follow tags अप्लाई करना, meta robots tags लगाना, इत्यादि कर सकते हैं.

(5) Canonical Tag

Advanced settings के अंदर ही कैनॉनिकल tags की भी सेटिंग होती है, जो Yoast SEO के फ्री plugins में भी मिलती है. इस सेटिंग से आप किसी भी duplicate पोस्ट को डिफाइन कर सकते हैं. Canonical tags की जानकारी नीचे दिए जा रहे हैं वीडियो में भी है. आप चाहे तो उसे देख सकते हैं.

दोस्तों, इतनी सारी सेटिंग करने के बाद आप अपने blog को पब्लिश कर सकते हैं. लेकिन अभी हमने SEO settings ही की है, इस पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करना, Schema लगाना और सर्च कंसोल में इंटेक्स करने के लिए सबमिट करना बाकी है. जिसे हम किसी और पोस्ट में देखेंगे.

Free YOAST SEO Plugin Settings कैसे करते हैं, अगर आप चाहें तो नीचे दिए थे वीडियो में विस्तार पूर्वक देख सकते हैं

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