Domain क्या होता है? Free & Paid डोमेन लेने के फायदे और नुकसान

जब आप अपनी वेबसाइट या blog शुरू करने का निर्णय लेते हैं तो सबसे पहले एक डोमेन नेम रजिस्टर करना पड़ता है, जिस की बारीकियां इस ब्लॉग में आगे देखेंगे.

अब जब आपने ब्लॉग बनाने का निर्णय ले लिया है तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि ब्लॉकिंग में भविष्य कैसा है, और स्पेशली हिंदी भाषा में ब्लॉगिंग का क्या भविष्य है, उसके लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं –

ब्लॉग क्या होता है? ब्लॉगिंग किसे कहते हैं, कैसे की जाती है? Blogging में भविष्य

Domain क्या होता है?

Domain आपकी वेबसाइट का एक वर्चुअल ऐड्रेस होता है, जिसका नामकरण DNS (Domain Name System) के अंतर्गत किया जाता है.

DNS (Domain Name System) या Domain Nomenclature (डोमेन नामपद्धति) एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से आप की वेबसाइट को एक IP Address दे दिया जाता है. क्योंकि यह IP Address याद रखना आसान नहीं होता है इसलिए इसी आईपी एड्रेस को किसी आसान नाम से Server पर रजिस्टर कर दिया जाता है, जिसे हम वेबसाइट का डोमेन नेम या वेब ऐड्रेस कहते हैं.

शुरुआत में, जब वेबसाइट को IP address के नाम से रजिस्टर किए जाने लगा तो दो बड़ी समस्याएं सामने आई. एक तो आईपी ऐड्रेस इतना लंबा होता था कि इसे याद करना आसान नहीं था, और और दूसरी बड़ी समस्या थी कि अगर आपने IP address की एक भी डिजिट गलत लिख दिया तो कोई दूसरी वेबसाइट खुल जाती थी.

इसी समस्या को दूर करने के लिए DNS (Domain Name System) बनाया गया और इसे एक Centralized Server पर डाल (Host कर) दिया गया, जिस server को संसार में कहीं से भी एक्सेस किया जा सके.

Domain Name vs IP Address

दोस्तों, समझने के लिए हम दो वेबसाइट का उदाहरण लेते हैं. जैसे नीचे दिए गए दोनों वेबसाइट के डोमेन नेम और आईपी ऐड्रेस लिखे गए हैं. जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि वेबसाइट का डोमेन नेम याद करना आसान होता है या आईपी ऐड्रेस.

  • digitalcuriosity.in – IP – 105.123.83.356
  • crazycuriousmind.in – IP – 105.123.84.344

आप जब साइट के लिए डोमेन नेम रजिस्टर करते हैं, उस समय रजिस्ट्रेशन सर्विस देने वाली कंपनियां एक सेंट्रलाइज Server में आपको एक IP address दे देती हैं, और डोमेन बुक करते समय, वेबसाइट का जो भी नाम आप select करते हैं, वही डोमेन नेम उस आईपी ऐड्रेस की पहचान बन जाता है, जिसे World Wide Web (www) या इंटरनेट पर संसार में कहीं से भी खोजा जा सकता है.

डोमेन नेम क्या होता है यह बात तो समझ आ गई, अब देखते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं उनके फायदे और नुकसान क्या हैं.

Popular Domain Extensions

Domain extensions कई प्रकार के होते हैं. जिनमें कुछ पॉपुलर एक्सटेंशंस नीचे दिए गए हैं. कुछ एक्सटेंशंस का प्रयोग वेबसाइट के नेचर को भी explain करता है.

Domain extension और उसके प्रयोग को जानने के लिए आप यह देख सकते हैं – Best Domain Tips #1 Extension का प्रयोग

.com – Common + World wide
.net – Common + World wide
.in – India
.shop – ecommerce Website
.info – Informational website
.org – related to Government
.edu – related to Education

(1) Free Domains क्या होते हैं और कहां से लें?

फ्री डोमेन का सीधा सा मतलब है, जब आपको domain name बुक करते समय पैसे नहीं देने पड़ते. फ्री डोमेन लेने के कई फायदे हैं और कई नुकसान भी है, जिसे हम इसी ब्लॉग में विस्तार से बाद में देखेंगे.

  • सीखने और प्रैक्टिस करने के लिए फ्री डोमेन लेना अच्छा है
  • आजकल के फ्री डोमेन के एक्सटेंशन .xz .puz .qr .mq इत्यादि तरह के होते हैं जिसे गूगल जैसे बड़े सर्च इंजन genuine नहीं मानते और इन एक्सटेंशन पर बनी वेबसाइट को Index नहीं करते

फ्री डोमेन लेने के लिए जब आप गूगल पर सर्च करेंगे तो कई वेबसाइट दिखाई देंगी जो फ्री में रजिस्ट्रेशन के बाद डोमेन नेम दे देंगी, आप इनमें से कोई भी वेबसाइट ट्राई कर सकते हैं. इसी तरह की एक वेबसाइट है freenom.com. यहां से भी आप फ्री में डोमेन रजिस्टर कर सकते हैं.

(2) Paid Domains क्या होते हैं, कहां से लें, और सावधानियां

Paid domain का मतलब है, genuine domain, जिसे Godaddy, BigRock etc. जैसी बड़ी कंपनियों से पैसे देकर 1-5 साल के लिए खरीदे जाते हैं, और 1-5 साल के बाद फिर से renew किए जाते हैं.

वैसे इंटरनेट पर domain सर्विस देने वाली सैकड़ों कंपनियां मिल जाएंगी. इनमें से कुछ थोड़ा सस्ते में भी domain बुक करा देंगी, लेकिन जरूरी नहीं है कि उनकी सपोर्ट सर्विस अच्छी हो. मैंने अपने सारे domains Go-daddy से लिए हैं, ऐसा करने का मुख्य कारण Go-daddy की सर्विसेज है.

डोमेन बुक करते करने के लिए कंपनियों का चुनाव करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

  • Cost & Offer (eg. गो डैडी जैसी कंपनियां 2 साल के domain रजिस्ट्रेशन पर 25% तक का डिस्काउंट देती हैं. आप  चाहे तो Godaddy के अभी के offers यहां से चेक कर सकते हैं – Godaddy Offers)
  • सर्विस अच्छी ना होने पर क्या डोमेन किसी और कंपनी में ट्रांसफर किया जा सकता है या नहीं (Is domain transferable or not)
  • Customer Support अच्छा हो
  • Domain Security (हैक करना आसान ना हो)
  • फ्री सर्विसेस क्या है (other bundle services)
  • डोमेन सर्विस Value for Money लगे
  • User interface आसान हो (Easy of Use)

Domain buy करने से पहले, एक अच्छा डोमेन कैसे select करते हैं, इसके लिए आप इस ब्लॉग को देखें – Best domain कैसे लें

(3) Expired Domains क्या होते हैं, कहां से लें, फायदे और नुकसान

डोमेन जिसे पहले किसी ने रजिस्टर कराया हो और रजिस्ट्रेशन का समय खत्म होने के बाद RENEW ना कराया हो, वे डोमेन फिर से booking करने के लिए उपलब्ध हों, Expired domains कह जाते हैं.

पुराना डोमिन होने के कारण expired domain पर पहले से ही backlinks बने होते हैं, यही लिंक वेबसाइट के लिए अच्छे भी हो सकते हैं और खराब भी. अगर यह लिंक खराब हुए तो वेबसाइट को नुकसान पहुंचता है और Google रैंकिंग में दिक्कत आती है, जबकि अच्छे लिंक होने से रैंकिंग में सुधार भी होता है.

Expired domain लेने के फायदे और नुकसान को विस्तार से जानने के लिए यह पढ़ें – Expired Domains क्या होते हैं, कहां से लें, फायदे और नुकसान

(4) Free और Paid डोमेन लेने के फ़ायदे और नुकसान

Paid domain लेने के कई फायदे हैं. Paid डोमेन, बिजनेस की seriousness बताता है, और गूगल जैसे सर्च इंजन Paid dimains को genuine, authentic समझते हैं और इस तरह की वेबसाइट के content, आसानी से Index कर लिए जाते हैं. पेड डोमेन (paid domain) का एक और फायदा जो आपको domain provider की तरफ से मिलता है, better कस्टमर सपोर्ट और better domain security.

फ्री डोमेन लेने में कई risk होता है. फ्री डोमेन सीखने के लिए, प्रैक्टिस करने के लिए अच्छा है, लेकिन ब्लॉगिंग कैरियर में Free Domain लेकर चलना सही नहीं है. ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्यों कि

  • फ्री डोमेन देने वाली वेबसाइट आपको ऐसा domain extension देती हैं जो सामान्यतः fake, spammy websites यूज करती हैं, i.e, .mu, .xzn, .bu, .xx. Popular domain extension जैसे .com, .net, .org, और .in जैसे एक्सटेंशन नहीं देती हैं. इस वजह से गूगल जैसे सर्च इंजन यह वेबसाइट को priority नहीं देते हैं, और हो सकता है आपका content कभी Google Index करे भी ना.
  • फ्री डोमेन कभी आप के नाम पर रजिस्टर नहीं होता है, इसका अधिकार हमेशा फ्री डोमेन देने वाली वेबसाइट के पास ही होता है. जिससे अगर आप भविष्य में अपना डोमेन किसी और जगह ट्रांसफर करना चाहें तो वह संभव नहीं होगा
  • फ्री सर्विस होने के कारण कंपनियां इसके लिए कुछ ज्यादा नहीं करती हैं और सिक्योरिटी के मामले में यह बहुत कमजोर होता है, इसलिए आसानी से hacking का शिकार बन सकता है और आपकी पूरी मेहनत बर्बाद हो सकती है.

(4) Offer Domains क्या होते हैं, फ़ायदे और नुकसान

दोस्तों, कई website hosting देने वाली कंपनियां फ्री डोमेन देने का ऑफर देती हैं. यह ऑफर अच्छा भी हो सकता है और खराब भी. अच्छा तब है जब आप उस कंपनी के सर्विस से खुश रहते हैं और भविष्य में कभी भी  domain ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं पड़ती है.

लेकिन कई बार ऐसा भी होता है की होस्टिंग सर्विस बेचने के लिए फ्री डोमेन देने का ऑफर कस्टमर को फसाने के लिए किया जाता है. इस तरह की सर्विस में domain ट्रांसफर करना संभव नहीं होता और आप मजबूरी में उसी होस्टिंग कंपनी से बंध कर रह जाते हैं.

इसलिए डोमेन नेम, या होस्टिंग बुक करने से पहले इसकी जानकारी अच्छे से ले लें.

(5) Sub-domain क्या होता है?

वैसे, sub-domain इस टॉपिक से बाहर का विषय है, जिसे विस्तार से एडवांस SEO में कवर किया गया है, फिर भी हमें इतना तो पता होना चाहिए कि sub-domain होता क्या है, इसलिए…

दोस्तों, Sub-domain आपकी वेबसाइट के मेन डोमेन में Prefix लगाकर बना होता है. Sub-domain का प्रयोग वेबसाइट को सुव्यवस्थित (organized) और Navigation को आसान बनाने के लिए किया जाता है.

उदाहरण के लिए इसी वेबसाइट को ले लीजिए. मेरी main वेबसाइट का डोमेन नेम है www.digitalcuriosity.in. लेकिन जिस sub-domain पर आप यह blog पढ़ रहे हैं वह www.hindi.digitalcuriosity.in है. hindi शब्द domain के पहले लगाकर डॉट “.” लगाकर domain लिखने से sub-domain बन जाता है.

उम्मीद है कि आपको कुछ समझ आया होगा और आपके कुछ doubts भी बने होंगे. आपके जो भी प्रश्न हैं कमेंट करके बताएं. हमारा प्रयास रहेगा कि आपके प्रश्नों का उत्तर यथाशीघ्र तक पहुंचाया जाए.

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